क्या आप जानते हैं?/Do you know?

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क्या आप जानते हैं?/Do you know?




 क्या आप जानते हैं??

हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे रोचक जानकारियां जिनसे शायद आप अपरिचित हो  स्वागत है आपका  
क्या आप जानते हैं ?

👉विश्व का सबसे ऊंचा पेड़ कौन सा है?



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दुनिया का सबसे ऊंचा आज जीवित पेड़ है रेडवुड नेशनल पार्क केलिफोर्निया में कोस्ट रेडवुड है जिसकी ऊंचाई है 115.66 मीटर यानी 379 फीट।
 
कुतुब मीनार से भी ऊंचे इस पेड़ की तुलना कुछ और चीजों से करें तो पाएंगे कि यह अमेरिका संसद भवन और स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी से भी ज्यादा ऊंचा है

सबसे बड़ा यानी सबसे ज्यादा जगह घेरने वाला सिंगल स्टेम पेड़ है जनरल शर्मन।
आसानी से ही समझने के लिए सबसे ज्यादा लकड़ी देने वाला पेड़।
जनरल शरमैन पेड़ अमरीका के कैलिफोर्निया राज्य के एक सीक्योवा नेशनल पार्क में मौजूद है 


इस इतिहास में ज्ञात जीवित पेड़ों में सबसे ऊंचा नहीं है दरअसल यह मानव को ज्ञात सबसे विशाल वृक्ष भी नहीं है 

त्रिनिडाड केलिफोर्निया के पास क्रेनेल क्रीक ज्वाइट पेड़ जनरल शर्मन के मुकाबले 15 से 25% ज्यादा बढ़ा था पर उस पेड़ को 1940 के दशक में काट डाला गया।





👉प्याज सबसे पहले कहां उगाया गया?





प्याज को 4000 साल पहले अफगानिस्तान उज्बेकिस्तान और ताजीकिस्तान के इलाके में गाया गया था।

भारत में इसका आगमन संभवत है मुसलमानों के आगमन के काफी पहले हो चुका था
  प्राचीन भारतीय चिकित्सकों चरक वाग्भट और सुश्रुत ने इसके चिकित्सीय गुणों का वर्णन किया है पर इसे सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा गया 

इसका कारण शायद इसकी गंध थी सन 629 से 645 के बीच भारत यात्रा पर आए चीनी 
यात्री हेनसांग ने लिखा है कि भारत में कई जगह उन्होंने देखा कि प्याज खाने वालों को शहर में आने नहीं देते थे तीखी गंध के कारण लंबे समय तक अंग्रेजों को भी प्याज पसंद नहीं आया 

सन 1350 में फैली प्लेग के दौरान देखा गया कि प्याज को प्रयोग करने वाले व्यापारी बीमारी से बचे रहे 

इसके बाद अंग्रेजों ने प्याज को स्वीकार किया आज भी कई घरों में  प्याज और लहसुन पूरी तरह निषेध है।






👉फास्टैग क्या है?






फास्टैग भारत का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है इसका संचालन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)करता है यह प्रणाली रेडियो फ्रिकवसी   आईडेंटिफिकेशन(आरएफआईडी)तकनीक पर काम करती है 

इसमें प्रीपेड या सेविंग अकाउंट से भुगतान स्वत हो जाता है इस सिस्टम कीशुरुआत 4 नवंबर 2014 में अहमदाबाद और मुंबई के बीच स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग पर हुई थी

 जुलाई 2015 में चेन्नई बेंगलुरु राजमार्ग के टोल प्लाजा इसके सहारे भुगतान को स्वीकार करने लगे 
इस वक्त देश के 400 से ऊपर टोल प्लाजा फास्टैग भुगतान को स्वीकार कर रहे हैं 
दिसंबर 2017 के बाद से देश के सभी नए चार पहिया वाहनों में फास्टैग अनिवार्य है

  जनवरी 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कंपनी भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने अपने पेट्रोल पंपों पर फास्टेग का इस्तेमाल करने के ऊपर हस्ताक्षर किए थे।





👉अहिंसा सिल्क क्या है?




महात्मा गांधी सिल्क पहनने का विरोध करते थे क्योंकि इसे तैयार करने में रेशम के कीड़े की हत्या की जाती है
 पर दुनिया में सिल्क तैयार करने की केवल एक की विधि ही नहीं है अहिंसा सिल्क अलग ढंग से किले से बनाई जाती है 

इसमें जब किला सिल्क छोड़ देता है तब उसे एकत्र किया जाता है इसे वाइल्ड सिल्के भी कहा जाता है 

दुनिया में वाइल्ड सिंह के के कीड़ों की 500 प्रजातियां है इस सिल्क में एक धागा नहीं मिलता बल्कि कपास की तरह ही रोइ मिलती है
 इससे धागा बनाया जाता है।





👉भारत में प्रशासनिक सेवाएं कब शुरू हुई थी?




इस सेवा को सबसे पहले इंपीरियल सिविल सर्विस और बाद में इंडियन सर्विस का नाम दिया गया शुरुआत में उनकी भरती की परीक्षाएं केवल लंदन में होती थी

 बाद में इलाहाबाद में भी होने लगी सन 1923 में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में स्थानीय भागीदारी के लिए एक आयोग बनाया जिसकी अध्यक्षता लाडली ऑफ फेयर है
 इसके पहले इसलिंगटन कमीशन और मोटे ंग्यू चेम्सफोर्ड आयोग ने भी भारतीय की भागीदारी के लिए सिफारिश की थी बरहाल लिए आयोग ने सिफारिश की कि भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में 40 फ़ीसदी ब्रिटिश 40 फीसदी भारतीय सीधे और 20% स्थान प्रादेशिक सेवाओं से प्रोन्नति देकर लाए गए

 अफसरों को दिए जाएं। ली आयोग ने भर्ती के लिए एक लोक सेवा आयोग बनाने की सिफारिश भी की वर्ष 1926 में संघ लोक सेवा आयोग की स्थापना हुई स्वतंत्रता के बाद विधानसभा में अनुच्छेद 315 के तहत इस एक स्वायत्त संस्था के रूप में संविधान में स्थान भी दिया।



👉Security check के X-Ray scanner?





यह एक्सरे मशीन स्वास्थ्य की जांच करने वाली एक्स-रे मशीनों से फर्क होती है 
यह मशीनें कई तरह की चीजों की अलग-अलग पहचान के लिए बनाई जाती है केवल हड्डियों की पहचान के लिए नहीं। 

सिद्धांतत: तथा सभी एक्स-रे तरंगे एक ही तरह की नहीं होती। इन मशीनों में कई तरह के एनर्जी लेवल की तरंगे छोड़ी जाती है

 जैविक वस्तुएं कम ऊर्जा वाली तरंगों को रोकती है प्लास्टिक और धातु की वस्तु है अलग-अलग तरह की तरंगों को रोकती है 

सामान जब इस मशीन के भीतर से गुजरता है तो कई तरह के फिल्टर ओं के मार्फत उसकी एक्स-रे तस्वीर बनती है 

जिससे पता लग जाता है कि भीतर क्या है।




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